अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर है
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर है...*
*जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी...!!!*मैंने बहुत से लोगों को देखा है दूसरों में नुस्क निकालते रहते हैं। दूसरों में नुस्क निकालना बहुत ही आसान काम होता है सबसे कठिन काम तो अच्छाई देखना होता है।जीवन में अपनी अनुभूतियों को महसूस करने की कोशिश करती हूं कि कहीं मेरे द्वारा कोई गलती तो नहीं हो गई,
इसके द्वारा में अपने आप को हर गलती से बाहर कर लेती हूं क्योंकि गलती करना अपनी जगह पर है और उसे सुधार कर आगे बढ़ना अपनी जगह पर है अगर हमें पता है कि हम यहां गलत हैं तो हमें वहां से सही होने की कोशिश करनी चाहिए ना कि उसमें उलझे रहना चाहिए उसमें हमारा ही फायदा है।
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