Film story short and long aarti

1)anari se khilari.....

एक गांव में एक बहुत करोड़पति व्यक्ति रहता था। वह अपने कावेरी फैक्ट्री का आयोजन कर रहा था वह बहुत ही मेहनत करने के बाद अपने गांव में पास ही में मैं एक नदी है उस नदी के पानी की मदद से अपनी फैक्ट्री का निर्माण कर रहा था। और उसकी एक बेटी और एक बड़ा बेटा है बेटी को गांव की एक किसान के लड़के से प्यार हो जाता है वह दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और वह बचपन से एक दूसरे को चाहते हैं मगर बढ़ो होने के बाद उनको ऐसा एहसास हो जाता है कि उनके पिता उनको कभी नहीं मिलने देंगे तब लड़की और लड़का दोनों जवानों जाते हैं और अब उनको समझ में नहीं आता है क्या करें तो वह दोनों भागने के लिए सोचते हैं एक दिन लड़की लड़के को अपने ही घर बुलाती है वह कहती है कि तुम मेरे घर आओ और हम यहीं से भागेंगे दोनों तब लड़का उसके घर उसको मिलने आता है और वह जो वह काम और नौकरी भी करता है तो कोई उस पर शक नहीं करता है सबको यही लगता है कि वह आज भी काम करने आया है लेकिन वहां पीछे सब बनी हुई फैक्ट्री के पास चले जाते हैं दोनों मिलते हैं लड़की भी वहां आ जाती है और दोनों फैक्ट्री के पास विचार करके बात करके और वहां से भागने की कोशिश करते हैं इतनी देर में कोई भी उन पर शक नहीं कर पाता है तभी अनुपमा ने लड़की और शेखर लड़का दोनों कंपनी के मजबूत दरवाजे के पास से एक छोटे से खिड़की से वहां के कांच को निकालते हैं और पहले लड़की को वहां से निकालता है फिर खुद वहां से निकल कर आगे देखते हैं तो आगे के रास्ते में काफी बड़ा और गहराई जैसा रिस्क है जहां से बड़े-बड़े पाइप का निर्माण नीचे की तरफ गया हुआ है आप दोनों समझ नहीं पाते हैं कैसे वहां से निकला जाए तभी वहां से खराबी की तरफ जा कर देखता है तो कोई भी सहारा नहीं है ना कोई रस्सी है ना ही कोई सहारा तक वहां पर नीचे मीठालाल में मिट्टी का रास्ता है तो भाई बड़े-बड़े जाते हुए रास्तों को देखता है तो वहां से बैठकर फिसल जाएंगे नीचे बहुत बड़ी खाई है बाउंड्री ऊंची ऊंची बनी हुई है जिन से बाहर निकला जा सकता है अब पाइप से फिसल कर लड़की को बाहर करता है। फिर वहां से नीचे खाई की तरफ आने के बाद बड़ी-बड़ी बाउंड्री बनी हुई है वहां नीचे पर इमरजेंसी खिड़कियों के कांच वह निकालता है फिर वहां से लड़की को बहुत करता है फिर खुद भी बाहर कर हो जाता है इस तरह वह उस बिल्डिंग से कम और फैक्ट्री के खाई से भी बाहर निकल जाते हैं फिर इधर पर अभी तक लड़की को कोई ढूंढ नहीं पाया कोई किसी को अनुपमा दिखी नहीं तो वह लोग सब परेशान हो जाते हैं और काम पर आया शेखर भी समझ में नहीं आ रहा कहां गया है तो फिर इतने में उसके पिता परेशान होकर चिंतित हो जाते हैं तभी सोचते हैं कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हुआ है वह सारे कैमरे ऑन करते हैं कैमरे में वह दिख जाता है कि शेखर ऊपर की तरफ गया है और फिर फैक्ट्री के दरवाजे में गया है फैक्ट्री के अंदर क्या करने गया था फैक्ट्री के अंदर जब सब लोग सारणी नहीं करते हैं तो वहां की खिड़की का कांच खुला हुआ दिख रहा है समझ में नहीं आ रहा है फिर वहां से वह फिर वहां से दूसरा कैमरा ऑन करके देखते हैं तो अनुपम आप भी दूसरे दरवाजे से उसी फैक्ट्री के अंदर गई हुई थी इस तरह दोनों की समझ में आ जाता है कि दोनों भागे हैं खिड़की के कांच खुले हुए दिखते हैं तो वह समझ जाते हैं पित्तागोड़ा गुस्सा आता है वह तुरंत हेलीकॉप्टर निकालने को बोलता है कहां गए होंगे दोनों कितनी दूर गए होंगे यह समझ में नहीं आ रहा करके फिर वह हेलीकॉप्टर निकालने को कहता है तो हेलीकॉप्टर सेवा भी निकलने लगता है अभी किसी को बताया नहीं गया है क्योंकि की बदनामी होगी। शेखर और अनुपमा वहां से भक्त भक्त भक्त भक्त जंगल और झाड़ियों के द्वारा गांव के किसी बड़े से पेड़ के नीचे आकर छुप जाते हैं। आम का पेड़ इतना विशाल है कि उसकी शाखा इतनी लंबी चौड़ी और बड़ी है कि उनके नीचे कोई व्यक्ति अगर तू भी जाए तो वह किसी को दिखाई नहीं देगा इस तरह से करने अनुपमा और खुद को उस बड़े से पेड़ के नीचे बड़ी चौड़ी टहनी के नीचे बड़ी होशियारी से छुपा लिया है अब हेलीकॉप्टर वाले भी उनको नहीं ढूंढ पाएंगे कि वह लोग कहां है तभी दूर-दूर तक कुछ ना मिलने की वजह से हेलीकॉप्टर गांव के अंदर से होते हुए आ जाता है तभी गांव वाले सोचते हैं आज क्या हो गया है यह सोना सेठ को दिनदहाड़े हेलीकॉप्टर क्यों उड़ रहे हैं समझ में नहीं आ रहा भाई साहब सरपंच भी चकित हो गया कि यह क्या कर रहा है आज पूरा गांव का जायजा ले रहा है क्या तभी सरपंच के लड़के और गांव के दो तीन मसकारे लौंडे आते हैं और कहते हैं कि देख रहा होगा कितनी जमीन है उसकी और कहां का तक उसका अधिकारी फैला हुआ है सब हंसने लगते हैं हंसने लगते हैं। 16 सीट परेशान होकर घर की ओर लौट जाता है इतने में गांव वाले भी अपने अपने काम पर लग जाते हैं सुनो शेर का सरपंच को बुलाता है। गोवा साहब यह बात है कि हमारी बेटी गायब हो गई है लेकिन तुम्हें या बात किसी को बल्कि हमारे हिसाब से तुम्हें काम करना है और गांव के चप्पे-चप्पे में हमारे हेलीकॉप्टर को भेजने हैं और हर पेड़ हर घर और हर किसी के आसपास का जायजा लेकर यहां पता करना है कि वह लोग गए तो गए कहां तब सरपंच जी कहता है सुना साहब इसकी चिंता छोड़ दीजिए मैं अभी इन सब खबर को चाची लेता हूं लेकिन ध्यान रहे किसी को पता ना चले कि हम किस मिशन या किस काम से यह सब कर रहे हैं ओके मैं जा रहा हूं मैं सारा काम देखता हूं।

अभी गाड़ी बता रे हेलीकॉप्टर स्कोर साहब पूरे गांव को दिखा रहे हैं डुंडवारा है और बड़े-बड़े पेड़ और आम के पेड़ में भी आसपास हेलीकॉप्टर से लाइट लेकर चेक करवा रहे हैं कि कहीं विद्यालयों में गालियों में तो नहीं कोई बैठा है फिर सब चेक होने के बाद सरपंच जी का वह प्लान खत्म हो जाता है दूसरा प्लान स्टार्ट होता है कि अब कचरे और कूड़े में बलम छेद छेद के देखा जाएगा कि वह यहां है या नहीं।

चमकी जो कि गांव की जानी-मानी लड़की है और वह बहुत ज्यादा हर तरह से 7 शृंगार में खुश रहती है उसको सरपंच के लड़के के साथ प्रेम है और वहां सरेआम मिलते-जुलते बैठते उठते हैं और मैं किसी की कोई रोक-टोक नहीं है क्योंकि उनका दोनों का विवाह होने की भी बात हो गई है तो चमकी आम के पेड़ के पास आकर खड़ी रहती है वहां पर सरपंच का लड़का भी आ जाता है जबकि पूछती है तुम क्या कर रहे हो तब लड़का कहता है कि कुछ नहीं कुछ जरूरी चीज खो गई है उसे ढूंढ रहे हैं चमकी कहती है अच्छा तो ऐसी कौन सी चीज तुम्हारी कूड़े में खो गई है तब फिर सरपंच का लड़का वैभव कहता है कि मैं बात नहीं कर सकती मुझे तो बात करनी है तो अपना काम छोड़ो तभी तो दोनों में तकरार होती है तो कहता है एक काम करो तुम लोग उधर जाकर ढूंढो मैं थोड़ी सी बात करके आता हूं और थोड़ी ही देर में दो-तीन उसके दोस्त भी आ जाते हैं और 1 गांव की एक और लड़की है उसका भी प्रेम उसके दोस्त से चारों मिलकर बातें करते हैं इतने में चमकी को एक झुमका दिखाई देता है आम के पेड़ पर तो समझ जाती है कि है तो अनुपमा दीदी का है लेकिन वह किसी को बताती नहीं है चुपचाप से उनके कर लेती है और वहां से निकलने की सोचती है लेकिन सरपंच का वैभव और उसका दोस्त दोनों उसकी फ्रेंड और उससे मिलने के लिए बोलते हैं तो जम की कहती है मिलना भी जरूरी है क्या दोगे तो हां मुझे कुछ बात करनी है तो कहता है कहां चले तब सामने घर में एक सरपंच का घर के दरवाजे से अंदर आ जा सकता है तभी वहां चारों लोग चले जाते हैं चमकी का सारा ध्यान उस आम की डाल पर है जिसके नीचे शेखर और रहते हैं है कि वह किसी तरह से निकल जाए अंधेरा होने लगा है आंख में कुछ नजर नहीं आ रहा है अंधेरा होने पर दोनों वहां से निकल कर मेन बाईपास की हाईवे रोड पकड़ कर वहां से बस लेकर किसी बड़े शहर में जाने का प्लान कर रहे हैं। शेखर और अनुपमा से बलम से शेतकरी पकड़े जाते लेकिन चमकीले वहां आकर उन दोनों को बचा लेती है वैभव का ध्यान भंग करके फिर अब वह लोग मिलकर घर चले जाते हैं इतने में शेखर और अनुपम वहां से उठते हैं और दोनों मुंह बांधकर अंधेरी अंधेरी रास्ते से होते हुए मेन बाईपास रोड की तरफ चले जाते हैं बाईपास रोड की तरफ जाने के लिए छिड़ी वाला रास्ता है लेकिन मेन रोड में लाइट ही लाइट जलते हैं तब शेखर एक प्लान करता है कि कोई शक भी ना कर पाए और हमें पहचान भी ना पाए दोनों रंग और रूप बदल लेते हैं शेखर एकदम देहाती गांव का काला की शान की तरह फेस बदल लेता है उस चेहरे पर काला रंग काले रंग का दिख रहा है तो कोई पकड़ नहीं पाएगा अनुपमा को एक साड़ी में तैयार करता है और उसका सिंगार बिल्कुल गांव की तरह लग रहा है और उसके बीच में ऐसा बच्चा है कि तरह कुछ कपड़े बांध दिया है जिससे वह अपने आप को सेव करके उस पार जा सकती है और किसी का ध्यान भी इधर-उधर नहीं होगा ना ही कोई पहचान पाएगा पहले से घर उसी को जाने को कहता है तब अनुपमा होती है और धीरे-धीरे धीरे-धीरे निकल कर चली जाती है उसने में एक बस पकड़ती है बस में बैठती है और शेखर का जैसा कि प्लान है कि उसके बैठने के बाद 5 मिनट लेट किसी दूसरी बस में बैठेगा और हम दोनों आगे जाकर शहर में उतरेंगे बस स्टॉप में दोनों बैठ जाते हैं आंगे नागपुर चौराहा पड़ता है वह दोनों उतर जाते हैं। किराया दे दिया है अब वहां से एक बस मिल लेते हैं वहां से एक बस तू बिल्कुल खाली जा रही है उसमें बालकनी है दोनों बार उसमें झड़ जाते हैं और कहते भैया बस कहां जा रही है तो वह कहता है नागपुर शहर को जा रही है तब दोनों ऊपर बालकनी में जाकर लेट जाते हैं तो वह ड्राइवर कहता है अरे भैया आप कुर्सी अरे तो भैया पूरी सीट खाली तो है तो सो कर जाओगे क्या हां बहुत थक गए हैं हम तो सो गए जाएंगे तब ठीक है सो जाओ जब तक सवारी नहीं आ जाती तब तक पता चले की सवारी हो जाए तो उठना पड़ेगा तब तो हम उठ जाएंगे और 1 घंटे में निकलने वाली है कहां से निकलती है और नीचे यात्री लोग बैठे हुए हैं। यात्री चढ़ते जाते हैं लेकिन बस पूरी खाली है। फिर दोनों खोए रहते हैं और फिर बस जाके नकुशा में रुक जाती है लेकिन दोनों की नींद नहीं खुलती है तब। बस को लेकर यूपी निकल जाता है प्रयाग। अब नींद में खुलेआम वह सुबह उठकर देखते हैं तो कहते हैं कि कौन सा शहर है यह तो कुछ बहुत अनजाना सा लग रहा है आता ही नहीं है ड्राइवर से पूछता है भैया यह कौन सा शहर में लाकर छोड़ दो यह प्रयाग प्रयागराज वहां से उतर कर अपना एक नया सफर नया जीवन को बहुत अच्छे से शुरू करना चाहते हैं क्योंकि अनुपमा के अकाउंट में पैसे की कमी नहीं है इसलिए वह बिल्कुल चिंता मुक्त है और जो भी लगता है वह पैसे निकाल कर अपने लिए कर सकती है उसके पिता ने उसके लिए करोड़ों रुपए उसके अकाउंट में डाल रखे हैं जो कि उसके अलावा कोई भी नहीं निकाल सकता है तब अनुभव रहती है सीकर से कि हम अपने पैसे निकालकर और उनका इस्तेमाल करके अपने लिए सब कुछ करेंगे तब से कर कहता है नहीं हम अकाउंट से पैसे नहीं निकाले क्योंकि हमने अकाउंट से पैसे निकाले निकाले हैं एड्रेस ट्रेस गलती नहीं कर सकते तो फिर हम क्या करेंगे हमारे पास तो काफी कम हो जाएगा पैसा है। कमा लूंगा तुम टेंशन मत लो हमको भी काम करके पैसे कमा कर अपना जीवन यापन कर लेंगे और इससे हमें खुशी मिलेगी तब कहती है ठीक है। गांव में थोड़ा-थोड़ा करके सबको खबर होने लगती है और सोना सेट की इज्जत नीलाम होने लगती है‌। उसका बेटा रघुवीर जाता है उसे पिता से कहता है अनुपमा न ठीक नहीं किया कविता कहता है बेटा आदमी कोई गलती नहीं हो तो नादान नासमझ है प्रेम कर बैठी होगी लेकिन शेखर की जो हिम्मत हुई है उसे सबक सिखाना पड़ेगा। फिर अभी तक दोनों का कोई पता नहीं है गांव में उसके माता-पिता को बुलाकर उनसे पूछा जाता है क्या तुम्हें कुछ पता है वह लोग कहां गए खुद से बात करता है वह दोनों गरीब मां बाप कहते हैं हमने आपका नमक खाया है हम आपसे ही नहीं कर सकते

अगर वह दोनों कहां है यह हमें पता होता तो हम आपको तुरंत ही खबर कर देते लेकिन नाही शेखर ने हमें बताया है उन्हें अनुपम के बारे में कुछ बताएं ठीक है लेकिन जैसी कोई खबर मिलती है आप मुझे बताएंगे जी हुजूर घर चले जाते हैं।



2) kokh .....

Ek achcha lakhpati karodpati logon ka Ghar hota hai donon Miyan biwi government job mein hote Hain donon ko acchi payment mein aati hai salary bahut jyada hai Magar donon ke vyavhar itne bure Hain ki kisi kamwali ke sath unka 4 din vistar nahin hota hai unki do ladki ek ladka hai vah donon hamesha khush rahte hain donon mein aur pyaar hai donon love marriage kiye hue hain badi ladki abhi 10th class mein hai aur chhoti ladki 6 mein hai aur ladka bhi bahut Chhota hai third ya second mein sabhi ki online study Hoti hai sab Apne Apne laptop per computer mein padhaai karte hain mobile mein padhai karte hain idhar donon mein salaH hoti hain ki ek kavvali ek kam aati hai un donon se baten karte Hain Kamal bhai Jawan hai Sundar hai aur vah attractive hai usse dekh kar uska Pati Dev apni niyat aur control nahin kar pata hai aur vah uski wife ko mana kar uska wali ko rakh leta hai wife se hai lekin bad mein pata chalta hai ki vah kisi dusre ke bacche ko pet mein lekar janmdin kar chhodane wali hai yani ki usmein ne khoob kirae se Di Hui hai yah sab sochi samjhi planning hoti hai usne Apne Ko ka use ka Aitbaar kiya hai aur Kai bar Kai logon Ko baccha paida karte kar diya hai yah agreement ki through hota hai jismein pahle hi agreement kare jata hai ki baccha ka hai aur itne kiraya unko lagega aur baccha paida hone ke bad vah unhen baccha FIR vah Kaun wali ke sath kafi rude behaviour karti hai apne kisi bhi galti ka exam Kamal per aati hai tab kamwali use Sahab Ko batati hai Dev ko to uske baten sunta hai aur chupke chupke usko bhi karta hai aur usse aur usko bolata hai ki Tum meri baat manoge to main tumhari help karunga tumhare support karunga tu waha Ghar jaati hai aur kahati hai main Aisa nahin kar sakti main Apne pati ko Dhokha nahin de sakti aur is tarah Ho vahan kafi dur jaati hai fir Bhi vah ki Haji samajh Rahi Bharti hai vah ek din in Kamla Jo kis ki malkin hai vahan per sleep hokar girne wali rahti hai aur vah itne mein kisi tarah baje jaati hai aur vahan Bharati ko exam lagati hai ki isliye mujhe girane ke liye yahan per kuchh Na kuchh kiya hai to uska patidev bolata hai ki vah Aisa kyon kiya tumne tumhen pata nahin hai ki hamare ghar mein bahut hi Priya hai aur Bo safai deti hai ki Maine kuchh galat nahin kiya hai tab bahut thoda sa donon ki baat Ko samajh jaati hai ki yah log Mera kabhi Mila nahin kar sakte hain mujhe log bahut hi congested ke log hain aur union Sinha ne apne ko kab tak girvi rakh sakti hai vah kisi ke nahin ho sakte hain tab kam tab Bharti bolati hai ki main yahan se Kam chhod deti hun to vah vah ke aap hi nahin hai do din tak to idhar Dev ne usko blackmail karne ke liye report likhwa Diya ki bharti naam ki koi mahila ne hamare ghar ke kuchh paise aur jawab chori karke farar ho gai hai kidhar per police uske Ghar pahunch aati hai aur vah dekhti hai ki Ghar Bharti Ghar per hi nahin hua kahin kam per gai Hui hai Lekin vah har chup kar dekhti hai ki police ke Ghar se Nikal rahi hai tab vahan kahati hai ki yah Majra kya hai dusre ke tujhe pata chalta hai to use pata lagta hai ki nai uski report karke aur Ko pasand ki puri koshish ki hai tab kharab ho jaati hai aur building building ja jakar apni Jaan bachaati hai police bhi unko dekh leti hai phir hua bahut bhakti hai Magar last mein pakda jaati hai Lekin vah bhi kahati hai ki main gava hun aur maine koi chori nahin ki hai Lage to aap cctv cameras mein dekh lijiye tab police ko achcha mauka mil jata hai aur vahan jakar CCTV camera mein dekhti hai to do din tak to vah Jo hamen hi nahin I hai aur Dev samne do din bad kyon report likha hai agar chori hoti to do din pahle hi wale vah leta tab logon ki sajish pakad mein a jaati hai vah bhul gaye the ki hamare ghar mein cctv cameras Lage hue Hain is tarah Ho vah apni bhi kar leti hai aur dono ko kad saja ki apil

Karvati hai aati hai is tarah bahut se kam waliyon ke sath yah hadse hue the lekin unhone garibi ke Karan saheliya tha lekin Bharti kuchh alag hai Varna dar aur aurat hai vah kisi ka dablu kar nahin rahti hai kisi Ko sunkar nahin rahti hai aur vah har tarah se saksham hai usne Apne jivan mein kabhi beimani nahin ki hai aur is tarah usko jab Insaaf mil jata hai to sabhi majdur aur Garib use per Garv karte Hain ki is tarah agar har koi himmat jhooth aaye to koi bhi Amir jyada unki imandari aur wafadari ka galat fayda uthaya unka galat iljam Laga kyon Ko Na sataye is tarah is ki halat aur sabhi e prakar ki a savidhan 69000 rakhte hue Sarkar inke mohalle mein ek Munda lagati hai jismein shutterdown ka option hota hai yah Munda unki bacchon ki sammelan ke liye hai Jin ki bacchiyon ki shaadi honi hai to yah pura mohalle mohalle mein laga hua hota hai jisse log Apne bacchon ki shaadi apne ghar mein hi kara sakte hain aur bahut acche se bhul Naam se unhen kahin jaane ki jarurat nahin padati hai is tarah unhen bahut acchi help milati hai sammelan Bharti ki beti ki bhi shaadi hoti hai aur vahan Khushi Khushi use vidhi dete Hain aur is tarah movie ending Ho jaati hai 

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