Story by aarti....

 

               Story two femily

१)एक कहानी है एक घर में दो खानदान होते हैं जो एक ही घर में पलते हैं दोनों भाई भाई की औलाद होती हैं दोनों के बच्चे होते हैं।


उनके घर में कोई फंक्शन होता है अचानक दोनों परिवार के लड़के लोग अपने अपने तरफ से इस कार्यक्रम में सजाने और तैयारी करने का काम करते रहते हैं इधर बली की दो लड़कियां 5 लड़के हैं इधर ठहरी की 5 लड़के एक लड़की है दोनों भाई के बच्चों में उतनी सुला नहीं है जितने की दोनों भाइयों में थी प्रोफाइल फिर भी एक दूसरे के जाति दुश्मन थे दोनों ने अपने परिवार में अच्छी शिक्षा समय अच्छा रहन सहन दिया दोनों को धन संपत्ति जमीन जा जात की कमी नहीं रहनी सेन खानपान में कभी नहीं लेकिन बदले की भावना में रात दिन करते थे एक दिन कार्यक्रम हो रहा था अचानक दोनों भाइयों में झगड़ा हो गया बाली और ठहरी में वादी और शहरी दोनों एक दूसरे को गला पकड़ कर लाने वाले इतने में यह सीन सारे भाइयों ने देखा यह देख कर उनका खून खौल उठा और वह भी बदले की भावना में भर गए,

अच्छा कार्यक्रम शुरू हुआ था बाली की एक लड़की की शादी होनी थी वह कार्यक्रम उसकी ही सगाई कथा बाहर से लड़का आया हुआ था लड़का भी बहुत अमीर घर का था अब अवगत कर रहे थे कि अचानक बाली और ठहरी के बच्चों में मनमुटाव हो गया और वह आपस में युद्ध की तैयारी करने लगे और उन्होंने अपनी अपनी तलवार है ला रखी अपने-अपने तलवारों को लाकर भूखे में छुपा दिया गुस्से में छुपाने के बाद ठहरी के बच्चों ने भी यही किया अब ठहरी और बाली दोनों लड़की के सफाई के लिए बारिश तेज है बैठते हैं इतने में बाली और ठहरी के दोनों पांच पांच बच्चे अंदर जाकर अपनी अपनी तलवार ढूंढ कर और पीछे छुपा कर ले आते हैं बली और ठहरी को

मुस्कुराते और गोली लगते एक लड़के वाले समझते हैं इनमें बहुत प्रेम और प्रगाढ़ता है लेकिन बात तो कुछ और ही थी दोनों भाई की कट्टर दुश्मन करते खाना भूत का आमंत्रण के लिए समझाते हैं इतने में

थेरियो बली के पांचो पांचो लड़कों का झगड़ा हो जाता है दोनों परिवार एक दूसरे की गर्दन काट एक दूसरे का रक्त बहा देते हैं यह सब कहानी देख रही वली की लड़की लड़कों वालों को पता ना चल रहा है इसलिए मैं उस रूम का दरवाजा बंद कर देती है और अंदर सब कुछ पड़ा रहता है सब की तलवार है और किला से पड़ी रहती हैं उस दरवाजे में लॉक लगा देती है वहां कोई नहीं चाहता है और किसी को कुछ पता नहीं चलता है तभी उधर से वह निकलती है और बलि और ठहरी को चुपके से बताती है कि यह सब हो चुका है और सब मर चुके हैं वहीं और ठहरी दोनों एक दूसरे को आप भर के देखने आते हैं और अपनी इज्जत अपने खानदान की नाक बचाने के लिए वह चुप बैठे रहते हैं और सारा कार्यक्रम होने देते हैं इतने में,

इतने में और और बाली और ठहरी की पुश्तैनी तलवारें दोनों तलवार सफेद कर वह पीछे की ओर ले जाती है क्योंकि उनका युद्ध होता ही है इधर कार्यक्रम खत्म हुआ उधर उन दोनों की लड़ाई शुरू हो जाएगी तो वह दोनों तलवार उठा कर पीछे एक गहरे दलदल में डाल देती है ताकि इनका झगड़ा ना हो पाए और फिर वह भी आकर मिल जाती है फिर कुछ देर बाद विदाई होती है विदाई करने के बाद घर की लाशों को उठाया जाता है और उन्हें जलाया जाता है काफी मातम का काशी होता है कुछ दिन बाद दो मुंह वाले बेटे जो होते हैं वाली के वह खेतों में नींबू के नए-नए फसलों को लगाते हैं और उनमें दवाई सीखते हैं इधर ठहरी की दोनों बेटियां भी उनकी मदद करने में आती हैं तो वह बातों बातों में एक दूसरे को ताना मारते हैं ठीक से काम करो काम नहीं आता क्या करते हैं

रोज करते हैं जैसा बन रहा है वैसे कर रहे हैं सीख रहा है मुझ पर चलते रहता है और बहुत साल बीतने के बाद।

बाजी के दोनों को गोलियों के लिए चेहरे की दोनों बेटियों को शादी कर दी जाती है इधर बाली की बेटी जिसकी शादी हुई थी उसका बच्चा बड़ा हो गया है और उसका परिवार सुखी रहता


२) कॉलेज रहता है गर्ल्स कॉलेज जहां से नए-नए प्रोफेसरों की भर्ती होती है उन्हें प्रोफेसरों में एक मिस आरती भी होती हैं जो कि अभी नई-नई प्रोफेसर बनी हुई है कॉलेज में अभी रोज जॉब पर वह आती है लेकिन स्टूडेंट्स अभी उनका अपना परिचय और उत्तर लिसन नहीं हुआ है लेकिन धीरे-धीरे सब हो जाएगा वह रोज अपनी ड्यूटी बजाती है और अपने हिसाब से चलती है कुछ दिन में रिलेशन बच्चों के साथ अच्छा हो जाए यह वह सोचती रहती हैं और 1 दिन ऐसा मौका आता है कि कॉलेज की प्रिंसिपल कहीं किसी काम से बाहर जाते हैं तो उन्हें कॉलेज में बुलाकर आप ऑफिस में बुलाकर कहते हैं कि आपको मेरी जिम्मेदारी संभाल नहीं होगी मैं कुछ दिन के लिए बाहर जा रही हूं आपको कॉलेज में अपने स्टूडेंट के साथ काफी अच्छे रिलेशन सुनाने और अकेलापन ना हो और आप उनसे दोस्ती बढ़ाएं और मैं थोड़े दिन में वापस आ जाऊंगी तब ही थोड़ा सा उठाते हुए हैं लेकिन है और सांसे हैं वह कहती हैं कि बिल्कुल मैडम सकती हूं तो आप बेफिक्र ओके जाइए मैं देख लूंगी फिर वह दो-चार दिन तक ऐसे ही रेगुलर आते जाते हैं बच्चों से ज्यादा बात तो नहीं है लेकिन धीरे-धीरे वह बच्चों के मन में लगती है एक दिन वह बच्चों के बीच से गुजरती है बहुत ज्यादा हो जाती है आती है कि मैडम आप को बच्चों के साथ आना होगा आज वहां पर मैडम बिल्कुल मैडम पढ़ाती हैं और बच्चों के साथ चल पड़े मैदान में जाकर बच्चों के साथ अपने स्कूल और कॉलेजों के नाम को रोशन करती हैं और इस तरह से आता है और जाता है इस तरह जीवन में आगे बढ़ते रहती हैं अपने जीवन में उन्नति करता रहता है और छात्रों को कभी भी गलत नहीं देता है वह हमेशा चाहता है कि उनके स्टूडेंट से भी ज्यादा तरक्की करें तो एक ही है जो निस्वार्थ होकर सेवा करता है सब को आगे बढ़ाता है और आरती का होता है सपना होता है इस वजह से वह खुशी खुशी महसूस करती है और बहुत जल्दी वह प्रोफेसर से कॉलेज प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत हो जाती हैं उनकी जिम्मेदारियां को देखकर उन्हें मौका देती है

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