tiger love बाघ का प्रेम

tiger love बाघ का प्रेम

भाग 1
एक लड़की  है जिसका नाम आमना है।उसके पिताजी उसका भाई और उसकी बहन तीनों  घर में रहते हैं। और उसकी मां मर चुकी है।   कुछ न कुछ खालीपन सा महसूस करती है उसे समझ में नहीं आता कि वह क्या करें जैसे तैसे उसके बचपन के दिन गुजर जाते हैं फिर वह बड़ी हो जाती है अब वह काफी समझदार है 18 वर्ष की आमना अब सोचती है कि उसकी लाइफ किस दिशा में जानी चाहिए उसका सपना  है। कि वह एक मशहूर राइटर बने और वह उसके लिए बहुत प्रयास करती है क्योंकि राइटर एक रॉयल्टी होता है उसके सपने बड़े होते हैं। बचपन से ही बड़ी-बड़ी बातें करता है बचपन से ही होनहार  होता है तो उसको राइटर बनने का सपना पूरा करना है। मगर बीच में होता क्या है कि उसका जो सपना है वह उसे भावुक भी करता है और थोड़ा सा हिम्मत भी देता है   एक  कवि हो या लेखक हो या जो भी  शायर हो उनकी भावनाओं का एक अनूठा संगम होता है भावनाओं में बहुत से कार्यों को अंजाम दिया करते हैं आमना भी ऐसी ही लड़की थी अपनी भावनाओं को सबसे ज्यादा महत्व देती थी मगर क्या हो सकता था वह अपनी सभी परिवार जन से बहुत प्रेम करती थी मगर अचानक एक समय वह अपने‌ गांव के पास जंगल से गुजरी अचानक उसे रास्ते में शेर का बच्चा मिल जाता है शेर का बच्चा बहुत ही मासूम और होनहार होता है वह बच्चा उसे अपने जैसा लगा और उसने उस बच्चे को घर में लाने का फैसला कर लिया जो कि किसी को नहीं पता था कि आमना किसे लेकर आई है वह उसे घर में छुपा कर रखा करती थी घर में छुपा कर रखने की वजह यह थी कि कहीं सरकार या किसी पड़ोसी को पता चल गया तो वह  बच्चा उससे छीन लिया जाएगा मगर अब बच्चा बड़ा होने लगा था उसके भाई और बहन साथ में मिलकर खूब खेला करते थे
वह शेर का बच्चा धीरे धीरे धीरे बड़ा होता जा रहा था आमना के मन में एक सवाल  बैठ गया की है तो आखिर  मांसाहारी का ही बच्चा कहीं किसी दिन इसने हमारे घर वालों को कोई नुकसान पहुंचा दिया तो मैं क्या करूंगी या हो सकता है कोई गलत व्यवहार किया तो मैं कहां जाऊंगी कि मेरी भी जान पराई  है गले में फांसी लटकी हुई है अभी तो यह छोटा बच्चा ही है मगर उनकी शक्तियों से हम अनजान तो नहीं बहुत बार सुना था कि शेर जो होता है वह मांस भक्षण करता है। व्यक्ति हो या जानवर वह किसी को नहीं छोड़ता है एक जंगली जानवर को घर में लाकर पालना आसान काम तो नहीं वह निशदिन यही सोच विचार करने लगी मगर उसने जब उसे लाई थी तब उसके मन में यह भावना नहीं थी क्योंकि उसके भावना तब उसे अकेला देख सहारा देने की थी मगर अब बेचारी क्या करे बेचारी यह भी नहीं कर सकती कि उसे तुरंत अलग कर दें मगर उसकी तरफ उसका लगाव  है। उसकी तरफ उसकी लगन और जो उसकी तरफ उसका प्रेम है। वह जानवर उसकी तरफ दौड़ा चला आता है  वह कोसो मील दूर हो लेकिन वह उसकी खुशबू से उसे पहचान लेता है वह उसके कदमों की आहट से उसको पहचान लेता है और दौड़कर आमना के पास चला आता है अभी तो मात्र वह 6 महीने का बच्चा ही है 6 महीने के बच्चे में ही इतनी शक्ति है सोचो अगर वह जानवर बड़ा हो जाएगा तो वह कितना ताकत वर और शक्तिशाली हो जाएगा आमना निशदिन यही विचार में डूबती चली जा रही थी एक दिन अचानक उसने फैसला लिया कि अब इस जानवर को वह अपने पास नहीं रखेगी क्योंकि वह बचपन में भले ही जो हो बड़े होकर वह क्या बन जाएगा इसका उसे खुद अंदाजा नहीं था लेकिन उसकी कल्पनाओं का सिलसिला रुकने वाला नहीं था वह कल्पना कर करके अपने आप को जितना भयभीत कर रही थी उतना ही दुख उसे होते जा रहा था वह  अपने ही कार्यों में उलझ गई थी। क्या करती बेचारी स्थिति के हाथों बंध सी गई थी उस वक्त उस बच्चे को न लाया होता तो बेचारा भूखा प्यासा मर गया होता लेकिन अब जब उसने उस बच्चे को लेकर आ गई है तो यह चिंता सताने लगी है कि वह बड़ा होगा तो कितना विनाशकारी हो सकता है। क्या हमारी मन की भावनाएं उन जानवरों पर असर करेंगी अब आमना का सिलसिला यूं ही बढ़ रहा था तभी उसने निश्चित कर लिया कि अब उस जानवर को पास में नहीं रखेगी क्योंकि है तो वह एक मांसाहारी ही आज उसकी असलियत भले ही बचपन में छिप गई हो मगर कल जब वह जानवर बड़ा होगा तो वह एक साथ सभी को मार खाने की ताकत भी रखेगा आमना इस बार सही राह पर है यह सोचकर उस जानवर से दूर होने की सोचने लगी इतना सोचते ही उसके पिता उसके पास आते हैं और कहते हैं आमना तुम क्यों परेशान हो रही हो ऐसा कुछ नहीं होने वाला हो सकता है वह प्रकृति में बदल ही जाए आमना कहती है कि पिता जी आपकी सोच अपनी जगह सही है मगर मैं भविष्य की सोच कर अपने आज में डगमगा रही सोंच रही हूं अगर सोचो उस जानवर ने हमारे परिवार को और इस गांव शहर को तबाह करने की ठान लिया तो फिर हम क्या करेंगे इस से अच्छा है कि हम इसे अभी से ही जंगल में छोड़ देते हैं जंगल में जाने के बाद यहां सब भूल जाएगा और अपनी जिंदगी जिएगा हम भी अपनी जिंदगी आराम से जी पाएंगे क्योंकि कब तक हम‌‌ डर में जिएंगे कि यह कब बड़ा होगा और हमें नुकसान पहुंचाएगा पिता उसकी बातों पर हामी भरते हुए उसे ठीक है बेटा तूने जो भी सोचा होगा सही सोचा होगा यह कह कर चले जाते हैं अब आमना भी अपने आप को तंहा कर के बगीचे के पेड़ में जाकर चड़ जाती है और बैठकर अपने आपको कुछ देर शांत छोड़ देती है मगर तभी  वहां पर बघवा आ जाता है बघवा की नाक कितनी तेज है कि वह कहीं से भी सूंघ कर आमना को पहचान लेता है और वहीं पर वह बैठ जाता है अब वह समझ गया है कि आमना यहीं कहीं है  आमना पेड़ के ऊपर से उसे ताकती रहती है पल भर ताकते ताकते आमना यह सोचती है कि यह कितना तेज दिमाग का है कि सिर्फ सुगंध लेने से ही यह मुझे पहचान लेता है काहिं अगर इसे मेरे शरीर की खून की बूंद का स्वाद मिल गया तो यह तो मुझे तुरंत ही मार डालेगा आमना यही  डर कर रही डर डर कर सोचते हुए वहां पर पेड़ से ऊपर ही सो जाती है फिर थोड़ी देर बाद जब आंख खुलती है तो देखती है कि बघवा ने वहां पर पूरी मिट्टी खोद डाली है जमीन की मिट्टी खोदी है गुस्से में और पेड़ों की जो छाल है उसे भी खरोच डाला है इस छोटे से बघवा में इतनी ताकत कैसे आई क्या यह इतना शक्तिशाली बन जाएगा कि कल को किसी के बस में नहीं आएगा आमना का डर तुरंत बढ़ गया और वह फिर से धड़कने तेज करके सोचने लगी मगर इस बार वह सोच रही थी कि किसी तरह इस बघवा से अपने आप को और अपने परिवार समाज को दूर रखेगी वह वहां से उतरती है और  बघवा को वहां से जाने को कहती है बघवा उससे चिपक जाता है इतने में उसके पिता आते हैं बघवा को लेकर जाने को बघवा उनके साथ नहीं जाना चाहता बघवा अब आमना के साथ रहना चाहता है पता नहीं कैसा अजीब सा प्रेम था दोनों प्राणियों की बीच की एक डर के मारे अपनी फिक्र की जा रही थी तो दूसरा अपना कल भी नहीं जानता था कि वह हकीकत में क्या है और क्या बनने वाला है आमना का सामना होते ही वह प्रेम बस उसकी आगे पीछे घूमने लगता है। वह भूल गया है यह किस जीव का बच्चा है उसे तो कुछ नहीं पता वह तो मात्र एक दूध-मुंहा बच्चा था जिसे उठाकर आमना ले आई थी आमना उसकी हकीकत जानती थी मगर वह बच्चा अनजान था उसकी असलियत से पता नहीं क्या फर्क पड़ेगा।

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