Tiger love (बाघ का प्रेम)



Tiger love (बाघ का प्रेम)

भाग-3

1 दिन शहर में सर्कस कंपनी आई सर्कस कंपनी का बाघ बहुत ही जाना पहचाना सा लग रहा है पोस्टर में आमना देखती है तो चौक जाती है और उसे एहसास होता है कि यह कहीं बघवा ही तो नहीं और वह सोचकर घबरा जाती है कि बघवा सर्कस कंपनी वालों के हाथ कैसे लग गया। वह सोचती रही सर्कस कंपनी वालों ने उसे कैसी-कैसी यातनाएं दी होंगी कैसी-कैसी तकलीफ हुई होगी तब जाकर वह सर्कस कंपनी में कार्य करने हेतु बना होगा और बनेगा क्यों ना उसे यही लग रहा होगा कि मैं इंसानों के साथ ही काम करने के लिए पैदा हुआ आमना बहुत ही भावुक हो जाती है। और सोचते रहती है कि मेरा बघवा कितनी तकलीफों के बाद कुछ करने योग्य बना होगा और वह पुराने दिनों में खो जाती है पुराने दिनों की याद करती है कि वह मासूम था आज वह सर्कस में अपना हुनर दिखाने के लिए रखा गया है क्या मैं उसे देखने नहीं जा सकती। और ना यही सोचती रहती है और अपने पिताजी से कहती है पिताजी,पिताजी आज शहर में सर्कस कंपनी आई है जिसमें मुझे यह शेर हमारे बघवा की तरह ही लग रहा है क्या हम सर्कस जा सकते हैं उसे देखने के लिए उसके पिताजी कहते हैं बिटिया सर्कस देखने तो हम जा सकते हैं  लेकिन हमारे पास इतने पैसे नहीं है कि हम उसकी टिकट का खर्चा उठा सके लेकिन मैं इतना पैसा थोड़ा बहुत जोड़ कर रखा हूं उसमें से तुम्हें दे सकता हूं तुम जरूर जा सकती हो कहते  है कि ठीक है पिताजी मैं जाऊंगी और मैं देख कर आऊंगी बघवा है या फिर कोई अन्य टाइगर............


दूसरा दिन आया आमना बहुत जल्दी तैयार होकर अपने साइकल से शहर की ओर निकल जाती है उसके लिए पापा के पैसे भी उसके पास पर्याप्त है और वह सोचती है कि किसी तरह से मुझे आज की टिकट मिल जाती तो मैं उस बघवा को जरूर देखती कि वह कौन से कर्तव दिखाता है वह कैसे सीखा, सीखा है या यूं ही और किस तरह वह जानवरों को कंपनी मे लाये है कहां से मिला होगा उन्हें, उसके मन में बहुत सारे सवाल जल्दी ही आ रहे थे कि रास्ते में जाते-जाते अचानक से अलग ही दिखने लगा सर्कस को देखते हुए खुश होती है और इसतरह यह पता करती है थोड़ी देर चलती है पोस्टर दिखते हैं और पहुंच जाती है कि आस-पास पहुंच जाती है अब उसे इधर विचलित होना है कि शाम के शो की टीकिट है अगर मैं घर लौट के गयी तो देर हो जायेगी और आज शाम की टिकट मिली है टिकट मिली है रात में घर भी नहीं जा सकती है कि मुझे किसी तरह से अपना गुजारा कर लूंगी आज रात में यहीं रुकूंगी देखकर ही जाऊंगी हमारा है या कोई और टाइगर बहुत इंतजार करती है बैठे-बैठे इधर-उधर घूमकर और कई बार सोचती है कि कौन-कौन से शो दिखाते है तो उसको अंदर ताका-झांकी में बंदरों के झुंड वाला पिंजरा दिखाई देता है मगर अंदर कैसे  जाएगी और कंपनी वालों ने तो उसको देखा होगा तो सही-सही अंदर जाएगी और सब चीज देखेगी अचानक शाम के 5:00 बजते हैं वह अपनी गाड़ी में देखती है तो 5:00 बजे का समय अभी एक घंटा और बाकी है शो शुरू होने में तब वह क्या करें उसे भूख लग रही है वह पास ही दुकान से गरम-गरम पकोड़े खरीद के खा लेती है अब कुछ देर बाद उसे याद आती है घर की ही उसके पिताजी उसकी रास्ता देखते होंगे लेकिन कैसे बताएं कि वह आज तो नहीं आ सकती क्योंकि आज उसको 6:00 से 9:00 शाम टिकट मिली है शो की तो वह तो देखकर ही  जायगी तो आज रात को तो मुश्किल है कल ही घर जानना होगा।शाम 6:00 बज चुके हैं अब शो को शुरू होने मे लोग टिकट देकर अंदर जाने लगे हैं आमना ने भी अपना टिकट जमा किया और आधा टिकट रसीद ले के अंदर चली गई वहां जाकर भी ऊपर वाले सीट पर जाकर बैठ जाती है क्योंकि उसने कम पैसे वाली टिकट ली है तो वह दूर से ही बघवा को देख पाएगी इतने में वहां की लड़कियां जो डांस करती हुई  झिलमिलाते हुई चली आ रही है और बहुत सारे जानवर भी चलते-फिरते आ रहे हैं कहीं हाथी साइकिल चला रहा है तो कहीं बंदर ऊंची टोपी पहन कर दिखा रहा है तो कहीं भालू दो पैरों में खड़ा होकर हाथ हिला रहा है तो कहीं व्यक्ति झूले में झूले जा रहे हैं तभी अचानक से उसमें  से एक व्यक्ति बोलने लगता है कि आज का जो प्रोग्राम है वह टाइगर के ऊपर से दिखाया जाना है तो टाइगर का आना होता है वह आने लगता है धीरे-धीरे 1 घंटे बीत ही जायेंगे हैं टाइगर की अभी कोई खबर नहीं धीरे-धीरे प्रोग्राम चलते-चलते आगे बढ़ रहा है कि देर से 2 घंटे होने लगे टाइगर का कोई पता नहीं हुआ तब अचानक से आना होता है अब उनका यह ट्रेन मास्टर लेकर उसको हंटर के साथ आ रहा है अब टाइगर आया और टाइगर को हंटर का इशारा मिला वह डर के मारे अपना सारा करतब दिखाते जा रहा है ट्रेन मास्टर ने उसे कुर्सी में बैठने को कहा टाइगर कुर्सी में बैठ गया टाइगर को उसने तैरने को कहा तब वहां के  पानी के टब में यह सब करतब दीखाया उसके बाद उसने बहुत सारे करतब दिखाए अचानक से वह गुस्सा हो गया टाइगर गुस्सा हुआ बहुत गुस्सा हुआ इसके बाद उसे कुछ खुशबू ऐसी जानी पहचानी सी लगने लगे उसे लग रहा था कि वह किसी इंसानी सुगंध से परिचित है तब जंजीर को जोर से चूमने लगा और अचानक से पुरानी यादें ताजा हो गई और उसे लगा कि आसपास है कोई है जिसे वो जानता है।


अब आमना से सहा नहीं जा रहा था किस तरह टाइगर उसको याद दिला रहा है पुरानी बातें उसको तकलीफे मिल रही है तो आमना के मन में एक विचार जाग जागता है कि मुझे इस सर्कस कंपनी से अपने प्रिय जानवरो को छुड़ाना ही होगा क्योंकि यह मेरा फ़र्ज़ है तो यहां पे इन लोगों के हाथ आ गये है सर्कस वालों ने उसकी क्या हालत कर दी है खाए तो खाल निकाल लिया है वह क्या प्यासा बघवा मेरा सिर्फ और सिर्फ डर के मारे सब काम कर रहा है खुशी नहीं है दूसरे दिन रात गुजारती है और दूसरे दिन  घर पहुंचने के बाद दूसरे दिन आती है और दोपहर में देखती है और वह सोचती है कि किसी बहाने से मैं किसी बहाने से उनको आजाद कर लेती है किसी तरह घूमती रहती है लेकिनअचानक वह थक जाती है ढूंढते-ढूंढते तो एक खंबे में अपना सर टकराती है  जैसे ही उपर  सर करके ऊपर देखती है तो बघवा फिजाओं में लोहे के पिंजरे में कैद है ऊपर टंगा हुआ है अब वह उसे एकटक देखते ही रहती है बघवा भी उसे देखकर रोने लगता है उसकी आंखों से आंसू छलक जाते हैं कभी खुश होता है कि  आमना उसके पास है अब हम बहुत तरकीबें करने के बाद यह सोचती है कि किसी बहाने मुझे इसे निकालना होगा लेकिन मैं कैसे निकालूं कैसे से लेकर जाऊंगी आमना को डर भी लग रहा था कहीं से कोई चोट पहुंचाने न आ जाय लेकिन नहीं शायद अब वह इतना समझदार हो गया है कि प्रेम की भाषा को समझने लगा है इंसानी बस्ती में तो नहीं मगर इंसानों के बीच में रहकर बकवास इंसानी तौर-तरीके समझ गया है। वह मांस खाता है लेकिन दिल के आगे मजबूर हो जाता है वहां प्यार करता है इसलिए उसकी आंखों से आंसू निकलते  है अब आने के बाद किसी तरह से बंदरो को खोलने के लिए बेताब हो जाते हैं तभी बंदर को खोलने की प्लानिंग करती है तभी उधर साइड से उनकी जो बनी हुई  तम्बू की दीवार  है एक चाकू से प्रहार करती है तो वहां से खुल जाता है तो इधर पर आती है और बाकी गेट को खोलने का प्रयास करती है और बघवा को बोल देती है निकल जाता है  वहां से भाग जाता है मुझे तुम सीधे जंगल में मिलना नहीं तो हमारी पोल सबको पता चली जाएगी इतने मे  सब सर्कस वाले सामने आते दीखलाई देते है माना जाता है कि शेर लॉकर तोड़कर भागे ऐसा हो ही नहीं सकता लोगों के भागाने की चाल है सर्कस कंपनी का मालिक भी नहीं जानता था कि शेर बिना किसी की मदद के नीचे नहीं आ सकता है लेकिन वह सोचता है कि यहां से निकालने वाला कौन है आने का इंतजार करता है सबके तब तक न्यूज़ क्या चल जाती है कि एक शेर सर्कस कंपनी से भागकर, जंगल की ओर चला गया है और जंगल में रह रहा है। अब सनसनी सभी लोगों मे फैली हुई है कि वह शेर कहीं खतरनाक हुआ तो हमारी जान ना ले ले इसलिए लोग बहुत कम अपने घर से बाहर निकल रहे हैं .........शेष भाग अगले पन्नो में  आशा करती हूं कि मेरी कहानी आप सभी को पसंद आएगी।🙏🙏🇮🇳🇮🇳

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