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Tiger love (बाघ का प्रेम)

भाग-4 एक प्रेम कहानी लड़का लड़की से मिलने के लिए जंगल के रास्ते से 30 किलोमीटर दूर गांव जाया करता था जहां उसकी प्रेमिका रहती थी वह भी जंगल में आधी रात को आया करती थी 12 से 3 आजमगढ़ में टाइम बिताया करते थे फिर वह घर वापस आ जाता वह तो अपने घर चली जाया करती थी। इसी तरह की होती रहती थी  उनकी मुलाकात वापस 1 दिन दोनों मिल ही रहे थे कि अचानक उनको एक झुंड भेड़ियों का नजार आया लड़के और लड़की ने दोनों ने डर कर  अपने आप को पेड़ में चढाया तो बचे लेकिन वह भेडियो का झुंड अभी भी वहां आसपास घूम रहा है वह क्या करते कुछ कर भी तो नहीं सकते आमना को लगा कि मुझे कुछ करना चाहिए तभी आमना ने अपने दोनों हाथों को मिलना शुरू किया और और कहां पर है अपने प्रेमी को प्रेम से गले लगा कर बोली डरो मत हम यहां से निकल जाएंगे तब वह भी बोला नहीं मैं डर नहीं रहा हूं मगर मुझे आज अजीब सा महसूस हो रहा है अब मैं कहती है मुझे भी लग रहा है लेकिन मैं क्या करूं हम लोगों की मजबूरी नहीं होती तो हम ऐसे जंगल में कभी नहीं मिला करते लेकिन अगर कुछ लिखा होगा किस्मत में तभी ऐसा हो रहा है तभी वहां से भेड़ियों का झुंड चला जाता है ...

Tiger love (बाघ का प्रेम)

Tiger love (बाघ का प्रेम) भाग-3 1 दिन शहर में सर्कस कंपनी आई सर्कस कंपनी का बाघ बहुत ही जाना पहचाना सा लग रहा है पोस्टर में आमना देखती है तो चौक जाती है और उसे एहसास होता है कि यह कहीं बघवा ही तो नहीं और वह सोचकर घबरा जाती है कि बघवा सर्कस कंपनी वालों के हाथ कैसे लग गया। वह सोचती रही सर्कस कंपनी वालों ने उसे कैसी-कैसी यातनाएं दी होंगी कैसी-कैसी तकलीफ हुई होगी तब जाकर वह सर्कस कंपनी में कार्य करने हेतु बना होगा और बनेगा क्यों ना उसे यही लग रहा होगा कि मैं इंसानों के साथ ही काम करने के लिए पैदा हुआ आमना बहुत ही भावुक हो जाती है। और सोचते रहती है कि मेरा बघवा कितनी तकलीफों के बाद कुछ करने योग्य बना होगा और वह पुराने दिनों में खो जाती है पुराने दिनों की याद करती है कि वह मासूम था आज वह सर्कस में अपना हुनर दिखाने के लिए रखा गया है क्या मैं उसे देखने नहीं जा सकती। और ना यही सोचती रहती है और अपने पिताजी से कहती है पिताजी,पिताजी आज शहर में सर्कस कंपनी आई है जिसमें मुझे यह शेर हमारे बघवा की तरह ही लग रहा है क्या हम सर्कस जा सकते हैं उसे देखने के लिए उसके पिताजी कहते हैं बिटिया सर्कस देखन...