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शिव से संगीत रचना

शिव जी की संगीत रचना ___&___&___&___&___ कहां जाता है, हजारों साल पहले शिव जी ने संगीत के सात स्वरों व पांच रागो की रचना की है। वेद और पुराणों में यह कहानी पढ़ने को मिलती है। संगीत की रचना सामवेद में वर्णित है। हजारों साल पहले जब हमारे देवी देवता जीवित हुआ करते थे तब उनके द्वारा बहुत सी ऐसी रचनाएं हुई जो आज तक पूजी और मानी जाती है। हमारे पौराणिक कथाओं वेदों पुराणों से उपनिषदों से हमें जो जानकारी मिलती है। उसके हिसाब से हम आज का जीवन देखें तो बिल्कुल विपरीत हो चुका है। लेकिन यह कलयुग भी आज हमें नसीब हुआ है। इसके लिए हम बहुत ही आभारी हैं। हम जीवित मनुष्य का जो फर्ज है। जो कार्य है। उसे हमे करते हुए अपने जीवन लक्ष्य की ओर जाना हैं। जीवन में संसार में सिर्फ और सिर्फ जीवात्मा ही सर्वस्व है। नहीं तो कुछ भी नहीं है। इसलिए अपना जीवन खुलकर जिए और भूल से भी किसी दूसरे के कर्म का प्रभाव अपने कर्मों पर न पड़ने दें अपने कर्मों को हमेशा अच्छे कर्म की तरफ बढ़ाएं...... शिव से संगीत ---+---+---+--- ब्रह्माजी द्वारा सामवेद में संगीत की पूरी जानकारी लिखित रूप में रखी गई थी । ...